1 डाली डाली हरी भरी है ,लाल रंग से सजती
जवा कुसुम का झूमे है मन,मां दुर्गे को जपती।,टिल
2 फैली आँगन विष बेल उसे,हम सब मिल सींच रहे
आरक्षण की बेल कटे तो,प्रतिभा का मान रहे।
🙏🏻
3 मन में यदि विश्वास रहे तो,सभी आस हो पूरी
कभी आम या कभी खास हो,होता यही जरूरी।
4 मकर राशि पर भानु चले हैं तिल गुड़ बांटो खाओ
स्नान दान समरसता भरता, पुण्य लाभ भी पाओ।
5 आपस में हो बैर कभी तो,परिवार बिखर जाता
मतभेद मिटा लो सुलह करो,दुश्मन मजे उड़ाता।
6 होती है आपस में खटपट,किस्सा बहुत पुराना
मन भेद न हो मत भेदों में,बात यही समझाना।
7 सुमन भरे हैं आँचल मेरे,तुझ पर मैं बरसा दूं
तेरे सिर पर हाथ फेर कर,ममता से सहला दूं ।
8 बसी याद दिल में बचपन की,मन मे खुशियां भरती
अपना आँगन अपने घर की,दिल मे याद कसकती ।
9 मन मे छल का नाम नहीं था,प्यार ही प्यार भरा
पंख लग कर उड़े हैं दिन,दिल में है वह ठहरा ।
10 आदर्शों की राह चलें हम, स्वाभिमान मन जागे
भारत को ले जाना हमको,जग में सबसे आगे।
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