1 नहीं बेटियां रही पराई, सुत पराया माल है
चलीआसमां छूने बेटी, बदले अब खयाल हैं।
2 -जीवन सहज सरल हो जग का,मन सबका पावन हो
बहे प्रेम निर्झर अंतस में,जीवन मन भावन हो।
3 नेह की धारा बहा दो तुम,रोकना मत भावना
खूबसूरत जिन्दगी के पल, ढूंढ लो सम्भावना।
4 जरा मुस्कुरा कर भी देखो ,तस्वीर बदल जाती है
मांगे अगर दुआ दिल से तो, तकदीर बदल जाती है।
5 खून मांगता था जो हमसे, देने को आजादी
संचय करता था ऊर्जा का, मंशा सीधी सादी।
6 लोग सादगी ओढ़े लूटें,भोली जनता लुटती
सावधान करना है उनको,वह तो घुटती रहती।
7 सही समय पर काम अगर हो,सब कुछ सही चले है
हँस कर सबसे बात करें तो, मन में प्रीत पले है ।
8 रखना है काबू में गुस्सा ,होश नहीं रहता है
मन में करे दरार यही तो,पछताना पड़ता है।
9 समझदार जो होते हैं वो,काम सोच कर करते
धीर वीर जो जन होते हैं, नहीं दुखों से डरते ।
10 नेता बनकर देश बेचते,बड़े चैन से रहते
कर्ज भुलाकर माटी का वो,घात देश से करते ।
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