छोटे छोटे गम है, छोटी-छोटी खुशियां
छोटे-छोटे मुख की, बड़ी-बड़ी बतियां
छोटे-छोटे पांव हैं , लंबा ये सफर है
छोटे-छोटे कदमों से, मिटती हैं दूरियां.
छोटी-छोटी उलझनें , छोटी-छोटी रंजिशें
भूल इन्हें आगे बढ़ें, स्वर्ग सी है दुनियां.
छोटी-छोटी भूल से, बढ़ती दरारें हैं
छोटी-छोटी कोशिशें से, दूर नहीं खुशियां.
छोटी-छोटी चाहतें , छोटी छोटी राहतें
पल ना गँवाना यूं ही, बीत जाए सदियां.
छोटी छोटी अंखियों के, बड़े-बड़े सपने
छोटी-छोटी कश्तियां, हारी बड़ी नदियां.
तन तपन मिटाती है, प्यास बुझाती हैं
अंबर से बरसें जो, छोटी-छोटी बूंदियां.
डॉ चंद्रावती नागेश्वर
रायपुर छत्तीसगढ़
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