Friday, 29 June 2018

चौपाई - परिचय

चार चरणों का सम मात्रिक छन्द है ---

-----प्रत्येक चरण में 16--16 मात्राएं होती है

---  समांत में  2  -2   ,2 -11  ,11 -2

----- पहले चरण का तुक दूसरे चरण से  और
तीसरे चरण चरन  का तुक चौथे से मिलना चाहिए
समान्त में जगन (1 2 1 ) और तगण (2 2  1 )
वर्जित हैं  .

चौपाई के आरम्भ में 22 और अंत मे 22 हो तो अति उत्तम माना जाता है ।
उदाहरण ----

             जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
               जय कपीश त्रैलोक उजागर
              राम दूत अतुलित बल धामा
                अंजनी पुत्र पवन सुत नामा

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