1 रितु ग्रीषम सन्देश पठाये ,
हुलसत सूरज गले लगाये ।
कोमल किरण अगन बरसाये ,
धीर पवन भी दहकत धाये ।
2 लता वृक्ष सारे मुरझाये ,
धरती अम्बर सुलगत जाये।
बरगद पीपल चँवर ड्डलाये ,
शीतल जल ही प्यास बुझाये ।
3 मुस्का कर प्रिय जादू करता ,
पल भर में है मूड बदलता ।
मुख पर वह रौनक ले आता ,
जीवन मे वह रस बरसाता ।
4 बजी द्वार मेरे शहनाई ,
बिटिया की है हुई सगाई ।
'दिल का टुकडा' हुई पराई ,
जीवन हो उस का सुखदाई ।
5 प्रिय मुस्का कर जादू करता ,
पल भर में है रंग बदलता ।
रौनक मुख पर वह ले आता,
जीवन में वह खुशियां लाता ।
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