1 बाल दिवस का अवसर ये बाग है गुलजार
एकता की डोर में रख, गूंथ लें हम हार ।
ले चलो अब देश का ध्वज,कर रहे जयकार
वीर ये बालक सभी तो,है हमे अभिमान ।
2 हैं हमीं नन्हे सिपाही,हम न जाने हार
छल कपट से दूर रहते, जानते बस प्यार ।
देश की लेकर शपथ हम,चल पड़े इस बार
साथ चलिए आप सब तो,जीत ले संसार ।
3 हम करें संकल्प मन से,कुछतो करें विचार
की सोचें सभी तब ,हो बड़ा उपकार ।
हम वहम को छोड़ने का,अब करें अभ्यास
दूर कर मत भेद अपना,हम बनेंगे खास ।
4 हो अगर कोई नियम तो,है नहीं वह प्यार
देखता जो कीमत अगर,व्यर्थ नहीं उपहार ।
प्रीत हर रूप को करता , है सदा स्वीकार
प्रीत में होता नहीं है ,जीत या फिर हार ।
5 आज है दिन ये सुहाना, नाचता मन मोर
गोद में आई परी है, मुस्कुराता भोर ।
मिट गई सब दूरियां जो,,पास आया नूर
गा रहा है मन हुलस कर,दुख हुए सब दूर।
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