1 :बाग में इस जगत के हैं,कुछ महकते फूल
वो सदा संसार के ही,हैं खुशी के मूल ।
वेग से चलती हवा के ,साथ उड़ते धूल
जिंदगी का सच यही है , दें न उसको तूल ।
2 है बढ़ाता दूरियां धन,टूटता विश्वास
भाइयों में फूट डाले ,तोड़ता है आस
है भरे मन मेंअहम को,जो कुमति का दास
हो सुमति का संग तब तो ,व्यक्ति बनता खास ।
3 : है मन अतिअदभुतअसीम,जोशक्तिआगार है वही भटके मगर तो,घूमता बेकार।
भूल जाता है वही तो,ईश का उपकार
है भरी क्षमता उसी में,पा सके ना पार ।
4 हम अकिंचनआप आये ,आज पहली बार,
हो गए हैं धन्य हम तो, है खुशियां अपार ।
है कृपा की चाह हमको,आप गुण आगार
हम करें श्रद्धा समर्पित,हृदय से आभार ।
5 जा रही ये रात देखो,आ रही है प्रात
हैं पहन चूनर किरण की,झूम जाते पात ।
नाचते पुलकित कमल दल, ओस भीगे गात
सूर्य को करके नमन दिन की , कर रहे शुरुआत।
धीर मन पग हम बढ़ाएँ,ले चलो जी साथ
बढ़ चलें हैं नापने जग, हाथ में ले हाथ ।
कर्म पथ हो सुगम सबका, दीन के तुम नाथ
है तुम्हारा ही सहारा, हो चरण में माथ ।
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