1 कुछ भी नहीं असम्भव जग में,करो प्रयास मिलेगा तनिक न होना विचलित प्यारे,जीवन सुमन खिलेगा।
2 लक्ष्य बना कर राह चलें हम ,आगे बढ़ते जाएं
बाधाएं जो राह रोक लें,हमसे जीत न पाएं ।
3 उर्वर करती धरती को यह,सरिता की जलधारा
देख लगन इसकी गहरी वह,सागर भी तो हारा।
4 गति ही जीवन की परिभाषा,कुछ तो करते रहना
पावन धर्म सुकर्म सभी का,यही हमें है करना ।
5 मुट्ठी बांधे आये जग में ,ऐसे ही तो जाना
रंग मंच सी दुनिया सारी,एक मुसाफिर खाना।
6 चलो जिंदगी को उपवन से, फूलों से महकाएं
हवा मचलती आये हम भी ,झूम झूम के गाएं ।
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7 बिखरे हैं मोती शबनम के, किरणे चुनकर लायी
झूम झूम कर बहे हवा जो,सबके मन को भायी ।
8डूब रही थी भाव सिन्धु में,दिल मे तुम्हीं समाये,
अधरों पर मचले हो तुम ही,गीत प्रीत के गाये।
9 बचपन होता बड़ा सुहाना,हम तो भूल न पाए
भीतर से मन रहता बच्चा, लुक छिप कर आ जाए ।
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10 यह प्रेम हमारा है निश्छल ,याद हमेशा आती
धड़कनों में आवास इसका,दिल से ना ये जाती।
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