1 जो पतंग पंछी सम उड़ते ,मन को अच्छे लगते
डोर थाम कर सपनों की हम,सब तो उड़ते रहते ।
2 सबका मन ललचातेहैं ये,नभ में विचरण करते
अपनी अपनी चाहत लेकर, मन में खुशियाँ भरते ।
3 मन पतंग बन उड़ता नभ में,संग हवा के डोले
नेह डोर से बंध कर यह तो ,जीवन में रस घोले ।
4 भक्ति भाव है जिसके दिल में,है वह सबसे न्यारा
दया भरा उसका मन होता,बहे प्रीत की धारा।
5 आंखे मेरी स्वप्न बने तब,साथ तुम्हीं तो रहते
भावों के हम महल सजाते,रंग तुम्हीं तो भरते ।
6 सूरज लिए हाथ में चलती, जग को जीवन देती
पल पल है अवरोध जगत में, सुख देकर दुख लेती।
7 मौसम आये जब चुनाव का ,सबकी नींद उड़ाता
जोड़ तोड़ में रहते नेता, सबको है समझाता।
8 प्रेम चाहता संग साथ है, ये त्याग मांगता है
धीरज धरने को समझाता,विश्वास चाहता है ।
9 माया का है जाल जिंदगी,लोभ फेंकता पांसा
गले लगा कर दुश्मन को भी,चालाकी से फांसा ।
10 दौर चला है उठा पटक का,बच के रहना प्यारे
सोच समझ कर काम करें, होते वारे न्यारे ।आया
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