Wednesday 24 January 2018

दोहावली----1-नदी,/ जिंदगी-

1  नदिया के दो कूल हैं  , ......बहे बीच  में धार
     जीवन तो इक नाव है , सुख -दुःख दो पतवार

  2  मैदानों से परवत को , करे नर्मदा पार
      उछल कूद करती चढ़े , वेगवती है धार

3  सोन नदी बहती जहां , हरी भरी है दूब
     इसकी रेत में बिखरे  , सोने के कण खूब

  4  हसदेव के आंचल में , कोयला भरा अपार
       बिजली रखती कोख में , विद्युत सी जलधार

  5  राजीव लोचन मन्दिर , महानदी के पास
       पावन तीरथ धाम है  , करे पाप का नाश
  
   6  हमको तो जीवन मिला , पीकर अरपा नीर
        इसकी पावन छुवन ही  ,  हर ले सबकी पीर

   7   माँ गंगे भव तारिणी ,कर पापों का नाश
        तेरी शरण में हम हैं ,  भर दे पुण्य प्रकाश

  8  यह नगरी है अवध की  , जन्म  लिये प्रभु राम
       कण  कण चंदन हो गया , सरयू पूरण काम

   9  अचला के आंचल भरे ,  अक्षय रत्न अपार
        नदिया पर्वत पेड़ सब ,  इसका करें श्रृंगार

10  जन्मे हैं श्री हरि जहां ,  धन्य  भूमि ब्रज धाम
       चरणों को छू धन्य हुई  ,  यमुना करे प्रणाम

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     *******  जिंदगी  ******

1.   मानुष तन अनमोल है , पल पल कर उपयोग
      थोड़े  दिन की जिंदगी  ,   व्यर्थ गंवाते  लोग ।

2   जीवन में मिलता सदा ,      कर्मवीर को मान
      वक्त  बहुत है कीमती ,   जीवन  कर्म प्रधान ।

4   परिवर्तन ही जिन्दगी  ,  पल पल बदले  रूप
     धूप  छाँव के साथ में ,   निखरे  रूप  अनूप ।

  
5    जीवन के संग्राम में ,  सबकी  अपनी चाल
       सबके अपने अस्त्र हैं , सबके अपने ढाल  ।
 
6 - कठिन बहुत जीवन की डगर ,लगता पर आसान
       सोच समझ कर पग धरें ,   रखें स्वयं का ध्यान ।

7    तन - मन हैं  दो कूल सम,  बहे वक्त की धार
      जीवन तो इक नाव  है  ,  सुख -दुःख दो पतवार

8    जीने का मौका मिला , इसकी कीमत जान
       जिसने अवसर खो दिया , वह तो है नादान ।
   

      
   
   
            
        

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