1 माटी अपने देश की , मांगे है बलिदान ।
भारत माँ देती सदा , शुभता का वरदान ।
2 अतिथि देव होते यहां , पाते हैं सम्मान ।
मात पिता जल अग्नि भी ,कहलाते भगवान ।
3 धरती देती देश की , प्यार भरा सन्देश ।
अपनी महक बिखेरना , मन भावन परिवेश ।
4 गूंजे बरसों तक यहाँ , वीरों का जय गान ।
वीर सपूतों का करें , दिल से हम सम्मान ।
5 वीरोँ की जननी यही , शत शत इसे प्रणाम ।
वीर प्राण देते जहाँ , वह है तीरथ धाम |
6 सदा ही दिल में रहता , मेरा हिंदुस्तान |
पूरा विश्व कुटुंब है , कहता देश महान |
7 शिवमय सुन्दर सत्य हो , जीवन का आधार |
इसका पालन सब करें , स्वर्ग बने संसार |
8 अखिल विश्व में देश यह , रखे अलग पहचान |
कई जाति हैँ धर्म हैँ , अवसर मिले समान |
9 सुखमय धरती देश की , सुंदर है परिवेश |
वेश भाषा रीति अलग , किन्तु एक है देश |
10 भारत ने सबको दिया , निजता का अधिकार |
भेद भाव को छोड़कर , करता सबको प्यार |
11 भारत ने जग को दिया , करो योग सन्देश |
तन मन स्वस्थ रखे सदा , हर ले सकल क्लेश |
12 वेद पुराणों में भरा , ज्ञान ध्यान का सार |
भारत की यह सम्पदा। , देख चकित संसार |
13 दिया शून्य उपहार में , भारत देश महान |
विधि गणन यह सूक्ष्म अति , जग को इसका दान |
14 अपनी मिटटी की महक , ले आई पर देश |
त्यौहारों की धूम वह , सुंदर सा परिवेश |
No comments:
Post a Comment