Friday 2 February 2018

दोहावली----देश

1    माटी अपने देश की ,  मांगे है बलिदान  ।
      भारत माँ देती सदा  ,     शुभता का वरदान  ।

2    अतिथि देव होते यहां  ,    पाते हैं सम्मान ।
       मात पिता जल अग्नि भी ,कहलाते भगवान ।

3     धरती देती देश की   ,     प्यार भरा सन्देश ।
       अपनी महक बिखेरना , मन भावन परिवेश ।

4      गूंजे बरसों तक यहाँ  ,  वीरों का जय गान ।
        वीर सपूतों  का करें  ,  दिल से हम सम्मान ।

5     वीरोँ की जननी यही , शत शत इसे प्रणाम ।
       वीर प्राण देते जहाँ  ,    वह  है तीरथ धाम |

6    सदा ही दिल में रहता  ,      मेरा हिंदुस्तान |
      पूरा विश्व कुटुंब है     ,  कहता देश महान   |

7      शिवमय सुन्दर सत्य हो , जीवन का आधार  |
        इसका पालन सब करें  , स्वर्ग बने संसार  |

8    अखिल विश्व में देश यह  , रखे अलग पहचान |
       कई जाति हैँ धर्म  हैँ      ,  अवसर मिले समान  |

9       सुखमय धरती देश की  , सुंदर   है  परिवेश  |
         वेश भाषा रीति अलग  ,  किन्तु एक है देश |
 
10     भारत ने सबको दिया  ,   निजता का अधिकार  |
         भेद  भाव  को  छोड़कर  ,  करता सबको  प्यार  |

11   भारत ने जग को दिया     ,     करो  योग सन्देश  |
       तन मन स्वस्थ रखे  सदा  ,   हर  ले सकल क्लेश  |

12   वेद   पुराणों  में    भरा   ,    ज्ञान  ध्यान का सार  |
       भारत की यह सम्पदा।   ,   देख   चकित संसार   |

13   दिया  शून्य  उपहार में  ,  भारत   देश    महान   |
      विधि गणन यह सूक्ष्म अति , जग को इसका दान  |

14    अपनी  मिटटी की महक ,    ले    आई  पर    देश  |
        त्यौहारों  की   धूम   वह  ,   सुंदर     सा   परिवेश  |

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