1 चला सभ्यता की डगर ,पहले भारत देश
सत्य अहिंसा मूल में , दया धर्म सन्देश ।
2 सुखमय धरती देश की , मनभावन परिवेश
रीति भाषा वेश अलग , किन्तु एक है देश ।
3 अखिल विश्व में देश यह , रखे अलग पहचान
जाति धर्म तो बहुत हैं , सबको मिलता मान ।
4 धरती के आंचल भरे , विपुल खनिज भंडार
नदिया पर्वत पेड़ सब , इसका करें सिंगार ।
5 लोक तन्त्र की नीति है , निजता का अधिकार
आपस में सद्भाव है , सबके दिल में प्यार ।
6 शान तिरंगा देश का , जिस पर है अभिमान
प्राण से प्यारा हमको , भारत देश महान ।
7 प्रमुख कर्म है कृषि यहाँ , भरे अन्न भन्डार
देश भक्त सब लोग हैं करें देश से प्यार ।
8 धरती माता देश की , देती है सन्देश
कर्म सदा ऐसा करो , गर्व करे यह देश ।
9 भारत देता देश को , प्यार भरा सन्देश
मोती सब गल हार के , रंग रूप बहु वेश।
10. दिल में बसता है सदा , मेरा हिंदुस्तान
पूरा विश्व कुटुम्ब है , कहता देश महान।
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