Thursday 15 February 2018

दोहावली--अपना भारत देश./.......

1  चला सभ्यता की डगर  ,पहले भारत देश
     सत्य अहिंसा मूल में , दया धर्म सन्देश   ।

2  सुखमय धरती देश की , मनभावन परिवेश
    रीति भाषा वेश अलग ,   किन्तु एक है देश  ।

3   अखिल विश्व में देश यह , रखे अलग पहचान 
       जाति धर्म तो बहुत हैं ,  सबको मिलता मान  ।

4      धरती के आंचल भरे , विपुल खनिज भंडार
         नदिया पर्वत पेड़ सब ,   इसका करें सिंगार ।

5     लोक तन्त्र की नीति है , निजता का अधिकार 
      आपस में सद्भाव है ,        सबके दिल में प्यार ।

 6     शान तिरंगा देश का , जिस पर है अभिमान
         प्राण से प्यारा हमको ,      भारत देश महान ।
        

7        प्रमुख कर्म है कृषि यहाँ , भरे अन्न भन्डार 
            देश भक्त सब लोग हैं करें देश से प्यार   ।

8         धरती माता देश की , देती है सन्देश
           कर्म सदा ऐसा करो , गर्व करे यह देश ।
         
9          भारत देता देश को  ,    प्यार भरा सन्देश
             मोती सब गल हार के ,  रंग रूप बहु वेश

10.      दिल में बसता है सदा ,    मेरा   हिंदुस्तान
              पूरा विश्व कुटुम्ब है  ,  कहता देश महान।

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