1 आशायें होंगी फलित ,मन में हो उत्साह
करें ध्यान नित लोग यदि, हो आनंद प्रवाह ।
2 अपने भीतर ही मिले ,जीवन का संगीत
अपने भीतर झांक लो ,खुद से क्र लो प्रीत
3 देता मन को शक्ति यह, करता दूर प्रमाद
अंदर बैठा ईश है, रोज करें संवाद ।
4 तन को सुंदर सब करें, मन को करें न कोय
जो मन को सुंदर रखे, जीवन सुंदर होय ।
5 जीवन अर्थ तभी मिले,जब हो सही तलाश
तन की कैद में मन है, वही बनाता पाश ।
6 जीवन सरगम लिख रहे , कातर ध्वनि के साथ
मन की कुंजी सोच है , वही नही है हाथ ।
7 दिशाहीन यह मन बहे , तात को करे न पार
वह लहरों से जूझता , टकराता हर बार ।
8 गहरी सांसे तो सदा , अन्तस् का वरदान
तन मन को ताजा करे ,लगता प्रभु में ध्यान ।
9 समय बद्ध हर काम हो , खुद को दें पहचान
जीवन को इक अर्थ दें , मुख पर हो मुस्कान
10 जीवन तो अन्मोलहै ,पल पल बीता जाय
अब कुछ ऐसा कर चलें ,जो सबके मनभाय
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