1 शब्द शब्द में रस भरा ,बहती रस की धार
शब्दों से रिश्ते जुड़ें ,बोलें भर कर प्यार ।
2 शब्द शब्द को नमन है ,शब्दों में है सार
शब्द शब्द में धार है , शब्द शब्द में प्यार ।
3 शब्द समय लौटे नही, अनगिन करें प्रयास
वचन तीर बनकर चलें, ताकत इनमे खास ।
4 बातों बातोँ में कटे , वक्त न हाथ में आय
पलक झपकते दिन उड़े , जीवन बीता जाय ।
5 राम राम की भोर है , सबकी राखे खैर
मिलें सभी को प्रेम से , मन में रखें न बैर ।
6 राम राम हिन्दू कहें , मुस्लिम कहें सलाम
प्रभु से ही जन्मे सभी , जाना उसके धाम ।
7 मन लगा कर काम करें , मिलता लक्ष्य जरूर
बेमन से न काम बने , रहे सफलता दूर ।
8 नदिया के दो कूल हैं , बहे बीच में धार
जीवन तो वह नाव है , सुख दुःख दो पतवार ।
9 शुभ कर्मों से सुख मिले , कर्म से मुख न मोड़
आलस में मन डूबता , बात बनाना छोड़ ।
10 कर्म मनुज का धर्म है , फल है कृपा प्रसाद
शुभ कर्म ही कर्तव्य है , प्रभु से है सम्वाद ।
11 हो आवश्यकता से अधिक ,तो है जहर समान
उत्तम रहे विचार नित , सदा रखें यह ध्यान ।
12 मानव व्यथा अनंत है , प्रभु की कथा समान
चार दिनों की जिंदगी , पढ़ ले गीता ज्ञान। ।
13 लड़ता है हर व्यक्ति खुद , खुद से ही हर बार
मिल जाती जब जीत तो , रहता है मन मार ।
चलते चलते ये उम्र भी,है दे गई थकान
टूटे हैं अब पंख तो,मुश्किल बहुत उड़ान।
काम करें अब सोच के,खूब लगाएं ध्यान
बहुत गई थोड़ी बची, तब आता है ज्ञान ।
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