1 ख़ुशबू अपने देश की , होली का त्यौहार
रंग लिये खुशियाँ खड़ी , बांटे सबको प्यार ।
2 धूम मची है रंग की ,बजते ढोल मृदंग
गली गली में उड़ रहे , बड़े अनूठे रंग ।
3 होली की है धूम अब , रंगों की बौछार
हंसी ठिठोली चल रही , खुशियों का त्यौहार ।
4 साल विदाई ले रहा , लग फागुन के अंग
नया साल भी आ रहा , हंसी ख़ुशी के संग ।
5 रंग बिरंगे लोग हैं , उड़ता रंग गुलाल
हवा बावरी हो गई , चूमे सबके गाल ।
6 तरह तरह के वेश हैं , तरह तरह के रंग
होली का ऐसा नशा , मचा हुआ हुड़दंग ।
7 धरती से अम्बर सभी , होली खेलें खूब
चुहल बाज मौसम बना , भंग रंग में डूब ।
8 रंगों ने हर एक के , मुख लाया मृदु हास
चिंता की होली जली , मन उतरा मधुमास ।
9 चढ़ा प्रेम का रंग है , झूमे हैं सब लोग
फागुन और वसन्त का ,अद्भुत है संजोग ।
डॉ चन्द्रावती नागेश्वर
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