11 भाषा भरे सुगन्ध , मधुर है अपनी बोली
इसके सुंदर रंग , मोह ले मीठी गोली |
जीवन का वरदान , सभी को जोड़े भाषा
इस पर है अभिमान , करे पूर्ण अभिलाषा |
12 प्यारी प्यारी बात , सुनाती कविता रानी
सुंदर है सौगात , दर्द की कहे कहानी |
दिल के यही करीब , दया का भाव जगाती
ख़ुशी का हो अवसर , संग में यह मुस्काती |
13 हिंदी तेरा देश , गैर को गले लगाता
माँ को दे वनवास , और को शीश नवाता
निज भाषा का गर्व ,खो कर बने अभिमानी
स्वाभिमान का भान , किंचित करें न मनमानी |
14 मानवता का नाश , होता है प्रतिपल जहाँ
नष्ट प्राय मन भाव , कविता राहत दे यहाँ |
कोमलता कुछ शेष , भगाती दूर निराशा
दूर खिला हो फूल , जगाती मन की आशा |
15 जिसके सुंदर भाव , कर्म भी होता सुंदर
देते हैं जो घाव , रखें विष मन के अंदर |
करें सभी से प्रीत , फूल सा महके तन मन
मिलता है तब चैन , बने यह जीवन उपवन |
16 करें वतन से प्यार , तिरंगा थाम लिया है
हम पर कर विश्वास , सभी कुर्बान किया है |
देंगे कभी न घात , खून की होली खेलें
हम तो वीर सपूत , शान से गोली झेलें |
17 रहे ज्ञान की प्यास , यही तो बहता झरना
खुद पर कर विश्वास , सदा ही हंसते रहना
आई है नव भोर , भाग हमारे साथ है
आयें जग के काम , कर्म हमारे हाथ हैं |
18 भारत माँ के लाल , गर्व है तुम पर हमको
घात करे जय चन्द , दिखा दो ताकत उनको |
दुश्मन के तुम काल , पुत्र हो तुम धरती के
रखो देश की आन ,आस हो तुम जगती के |
19 यह माटी का दीप , रत भर जलता रहता
लेकर रवि का नाम , यही तो तम को हरता ।
करे इष्ट का ध्यान , बना के तन को बाती
स्वप्न करे साकार , गीत वह रचे प्रभाती |
20 सहते रहना ताप , स्वर्ण सम अगर चमकना
मंजिल चाहें आप , बिना श्रम पड़े भटकना ।
मत कर सोच विचार , टले नहीं कभी होनी
भूल गये नादान , मिले फल जैसी बोनी ।
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