1 इससे कब इंकार, जिंदगी सब की पूरी
कट जाती बेकार, अन्त में लगे अधूरी ।
बचा हुआ जो शेष,बहे हैं आंसू जिनके
होगा यही विशेष,बांट लें दुख भी उनके ।
2
करें बड़ों का मान , दुआ ही उनकी फलती
जीवन हो आसान, कली जीवन की खिलती ।
सारे तीरथ धाम,चरण में उनके रहते
जीवन होता धन्य, पुण्य फल सारे मिलते ।
3. रितु है यह आजाद, मजे से यह झुलसाती
बहुत करे उत्पात, अनल नभ से बरसाती ।
नहीं पेड़ बिन छांव, हवा भी कहती जाती
जल है जीवन जान, सभी को यह समझाती ।
4 जितने हो अज्ञान ,भजन से हरि के मिटते
गुरु के यह उपकार ,गहन तम मन के हरते l
लोभ मोह मद संग,दोष सब ही मिट जाते
नन्हे से ये दीप,सुबह तक साथ निभाते ।
5 अपने तक ही ज्ञान ,नहीं तुम सीमित रखना
जग का हो कल्यान ,यही तुम करते रहना ।
सबकी यही सलाह, बंटे तो दुख घटता है
रखना इसको याद, बंटे से सुख बढ़ता ।
6 सुलग रहा दिन रात, आग में तपता रहता
वही चमकता स्वर्ण , ताप जो भीषण सहता ।
रोप सृजन के बीज, हिफाजत उसकी करता
श्रम जल से फिर सींच, फसल का स्वामी बनता ।
7 -लय पर देना ध्यान,शब्द को चुन चुन कर धरना
शब्द शक्ति शिव ज्ञान,भाव यह मन में करना ।
पावन पूजन कर्म, तभी लेखन बन पाता
उर में रहे उछाह, सभी के मन को भाता ।
8 मिला न कोई खेत, अभी तक दिल के जैसा
देता सूद समेत ,बीज जो बोता वैसा ।
बिन पानी बिन खाद,यही तो देती इतना
बोकर कुछ तो देख, भूमि भी देती कितना ।
9 ,दिखता है यह लाल ,गोल है थाली जैसा
लाता हर दिन भोर, हाथ मे रख कंदुक सा ।
सदा ये मंगल दीप, जला है द्वारे तेरे
बांधे बंदनवार , रहे नित यही सबेरे।
10 ऐसा किया विकास ,दूर है कथनी करनी
भूल करें जो आज, पीढ़ी भरेगी भरनी ।
होते हैं कुछ कर्ज , पीढ़ियों तक जो चलते
मात -पिता के बाद , उसे ही बेटे भरते ।
11 छोटी छोटी बात,नहीं तुम मन में रखना
कर जाते कमजोर, दूर इन सबसे रहना ।
रखना अपनी सोच सदा ही ऊंची करके
रहना तुम खुश हाल, दुआ मिलती जी भरके ।
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हे तरुणाई के दीपक तू चिर सजग उजियारा है|
ReplyDeleteतू पाहन की छाती में से बहने वाली धारा है|
अंधियारे अंबर में तू तो सूर्य किरण की भांति है |
तू तो आशा के दीपक में जलने वाली बाती है|
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