Thursday 26 April 2018

रोला क्रमांक ( 7 )---*-----

1        किस्मत लेकर साथ, जगत में हैं सब आते
      सब यह कर्मों का खेल, उसे सब नहीं बनाते ।
       धरती के ये लाल , करें अब नहीँ बंदगी
        चिंता करें हजार , भागती चले जिंदगी ।

2     अब तो हर इंसान, ओढ़ के चेहरा नकली
        घूम रहा शैतान ,पहन के चोला असली ।
        अधरों की  मुस्कान ,भागमभाग में खोई
        कहाँ छुपे भगवान, करें हैं छल सब कोई ।

3      अंधियारी हो रात,राह का राही डरता
   मन से करे प्रयास, वही फिर आगे चलता ।
      सन्नाटे को चीर ,पथिक जब कदम बढ़ाता
      खुश हो कर संसार ,हृदय से उसे लगाता ।

4      करें न कन्यादान,बात यह दिल में चुभती
         बेटी भी इंसान , सोच यह छलनी करती ।
        दोनो कुल की लाज, वही कर्तव्य निभाती
         पीहर या ससुराल,सभी की वह बन जाती

    
5   यदि बनना हो खास, काम खास  सभी करना
        खुद पर रख विश्वास ,सदा ही बढ़ते रहना ।
         छल प्रपंच का जोर ,दुखी है सारी जनता
     बनकर एक मिसाल, बनो तुम दुख के हरता ।

6   
          छूटे सारे काम,गले जब आलस पड़ता
         टूटा हो  उत्साह,बोझ सा जीवन लगता ।
           मन में भरे उमंग ,कर्म की राह दिखाये
          आकर कोई संत, परिश्रम मूल्य बताये ।

7        पेड़ करें उपकार, धरा में जड़ें जमाये
         पहरा दें दिन रात, हवा में शीश उठाये।
       इससे कब इनकार,मौज रितु संग मनाते
रखना इनका ध्यान, जगत हित में लुट जाते ।

8      मोहक कोमल फूल, कंटक में भी खुश रहते
     दिन भर तपता धूप ,  धूप में तप कर खिलते ।
          धीरे से मुख खोल , साँझ ढ़ले ये महकते
        आये नवल विहान ,  रवि को देख ये हँसते।

,9            करें सभी से प्रीत, बैर से  रिश्ते टूटें
           सब होता बेकार ,जरा भी धीरज छूटे ।          तरह तरह के लोग ,जगत में मिलते रहते
        हरना उनकी पीर,खुशी के पल कम मिलते।

10      अपने आते याद,अगर संकट आ जाये
        यदि वे रहें न पास,परख उनकी हो जाये।
            गैरों से तो आस, नही है कोई करता
     अपनों का हो साथ, तभी दुख भारी घटता ।

11   सुनकर उनकी बात,व्यथा जो हमे सुनाया
       देखा उनका हाल,जख्म जो हमे दिखाया ।
          वो मासूम अबोध ,शहर में पिसते रहते
        जो हैं चतुर चलाक,कलेवा उनका बनते।

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  1. राहुल सांकृत्यायन जिन्हें महापंडित की उपाधि दी जाती है हिन्दी के एक प्रमुख साहित्यकार थे । वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद् थे और बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत/यात्रा साहित्य तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए । Talented India News App

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