एक दोहा और अर्ध रोला के युग्म से चार चरणो का
कुंडलिनी छंद बनता है।
1 पहले दो चरण दोहा का होता है जिसमे 13 -11 मात्रा
2 दोहा का चौथा चरण याने अंतिम पद को नीचे अर्थात रोला का प्रथम पद के रूप में लिख कर रोला की शुरुआत करते हैं
3 दोहा का प्रारम्भिक शब्द /शब्दोँ को रोला के अंतिम में इस तरह रखा जाता है कि पंक्ति सार्थक हो और लय बनी रहे।
4 दोहा और रोला की दो -दो पंक्तियों के तुकांत अलग अलग होते हैं ।
उदाहरण ----
तिनका तिनका जोड़ कर ,बांटे सबको प्यार
मुंह मे चुग्गा डाल कर , पाले वह परिवार।
पाले वह परिवार , करे वह पोषण उनका
बड़ी करे सन्तान , जोड़ कर तिनका तिनका ।
इसी सुन्दर कविता के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
ReplyDeleteआप धीरे-धीरे मरने लगते हैं, अगर आप:
– करते नहीं कोई यात्रा,
– पढ़ते नहीं कोई किताब,
– सुनते नहीं जीवन की ध्वनियाँ,
– करते नहीं किसी की तारीफ़।
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