1 : लगता भारत देश है,महा पुण्य का धाम
इसकी पूजा हम करें ,निश दिन करें प्रणाम।
निश दिन करें प्रणाम , प्रेम से रहते सारे
लगते ज्यों परिवार, लोग हैं इसके न्यारे ।
सुन चन्द्रा की बात, प्रीत का झरना बहता
यह तो जैसे स्वर्ग, सदा ही हमको लगता ।
2 करना है नित योग अब,रखता यही निरोग
स्वस्थ रखे मन को यही,खुश रहते हैं लोग।
खुश रहते हैं लोग, कटे दिन हंसते हंसते
जागे है सदभाव, प्रेम से मिलकर रहते ।
चन्द्रा कहती आज ,सजग जीवन मे रहना
बढ़ता है सहयोग ,योग तुम प्रतिदिन करना ।
3 आया अब मधुमास है,छाई मस्त बहार
फूलों की है पालकी,चलती मस्त बयार ।
चलती मस्त बयार, सुहानी सुरभि लुटाती
आई है यह भोर, स्वर्ण किरणें बरसाती ।
झूमे तरुवर पात, सभी का मन हरषाया
खिली सुनहरी धूप,सुहाना मौसम आया ।
4 जागें जल्दी ही सुबह,लेकर प्रभु का नाम
मात पिता के छू चरण, करना सदा प्रणाम ।
करना सदा प्रणाम,सफल हो जीवन सारा
मिले सदा आशीष, गंग की जैसे धारा ।
याद रहे यह बात , सदा ही रहिये आगे
लेकर प्रभु का नाम ,भोर में प्रतिदिन जागें ।
5 जैसी भी हो परिस्थिति,मुश्किल या आसान
धीरज सदा ही रखना ,मुख पर हो मुस्कान ।
मुख पर हो मुस्कान, कष्ट में हिम्मत रखना
खुद पर हो विश्वास, कर्म पथ पर ही बढ़ना ।
दुख दुविधा हो संग ,स्थिति हो चाहे कैसी
हिम्मत देती जीत , चुनोती चाहे जैसी ।
6 मनमानी लगती भली,पर मन फिर पछताय
वश में करना है कठिन,मन पर वश ना पाय ।
मन पर वश ना पाय, अंकुश मन में लग सके
जनम धन्य हो जाय , पांव तले मंजिल उसके।
जीवन के दिन चार,ये बात है जानी मानी
है यह सच्ची बात, हानि करती मन मानी ।
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