1 हे प्रभो मुख पर हंसी हो,सुख भरा संसार हो
दर्द पी कर जी रहे जो, सुख स्वप्न साकार हो।
नैन दिख जायें अगर नम , बारिश कर बहार की
प्रेम नित बढ़ता रहे अब , चाह मस्त बयार की।
2 फासले घटा सकते हैं ,कोशिशें हम भी करें
कौन कितना बढ़ रहा है, फ़िक्र हम न उसकी करें।
भूल के शिकवे शिकायत , फिर नये रिश्तें गढ़ें
भाव मन के निर्मल रखें , सतत हम आगे बढे।
3 प्यार भरे कई शब्द तो ,अमृत सम जो बोल है
हृदय कोष में रहते जो, वे सदा अनमोल हैँ ।
बोझ ढोकर झुक गए है , कौन रखें ख़याल हैँ
आँख में आंसू छुपाये , मौन करें सवाल हैं ।
4 हे महादेव शिवशंकर,सुध हमारी लीजिये
आशुतोष अवढरदानी,पार नैया कीजिये ।
हे महेश्वर राजशेखर ,मुक्ति हमको दीजिये
हे महाकाल हितकारी ,हित हमारा कीजिये।
5. झांकती मन के झरोखे से सदा हँसती हुई
रूप माता से है मिलता, नेह में डूबी हुई ।
दे रही तुलसी में जल वो,शाम रखती दीप है
सौम्य छवि कहे दिल से ये,तू दिल के समीप है।
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