गीतिका छंद --*****
4 पदों का सरस छंद है --पत्येक पद में 26 मात्राएं
14 --12 में यति --पदांत में 2 1 2 (गुरु लघु गुरु)
3--10 --17 ---24 में लघु हो तो मिठास बढ़ती है ।
मात्रा का सरल सूत्र---
गीत गा हरि गीतिका से ,गीत गा अब गीत गा
गा ल गा गा गा ल गा गा ,गा ल गा गा गा ल गा
उदाहरण---
1 हे प्रभो आनंद दाता ,ज्ञान हमको दीजिये
शीघ्र सारे दुर्गुणों को, दूर हमसे कीजिये ।
लीजिये हमको शरण मे ,हम सदाचारी बनें
ब्रह्मचारी धर्म रक्षक, वीर व्रत धारी बने ।
2 धर्म के मग मेअधर्मी,से कभी डरना नही
चेत कर चलना कुमारग,में कदम धरना नहीं।
शुद्ध भावों में भयानक , भावना भरना नहीं
बोध वर्धक लेख लिखने, में कमी करना नही।
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