1 जिंदगी भर से हम जुटे, चैन सारा खो गया
चाहते थे मिल गया अब ,चाव मन का खो गया।
मुश्किलों का दौर तब था,रूठते अपने गये
जोड़ रखा था कण कण को,छूटते सब वे गये।
2 आस में कल की रह गये,जुल्म नित सहते गये
वो कल कभी आया नहीं ,माह दिन कटते गये ।
पास जब थे नही साधन ,ललक थी मन में कहीं
पास में सुविधा सभी है , साथ तन देता नही ।
3. लोग माया जोड़ते हैं, साथ कुछ जाता नही
वक्त तो यूँ ही गुजरता,हाथ कुछ आता नही।
समय रहते चेत जा अब,जिंदगी लंबी नही
सोच ले जो साथ जाये ,काम सभी करें वही।
4 जो सिर्फ अपने तक सिमट,कर रहें जग क्या करे
दायित्व जो समझे नहीं, विवश कोई क्या करे।
देश का हित सोच कर अब,काम तो हम सब करें
कर्तव्य का निर्वाह हो, बात मन में अब धरें ।
5 भेजती आभार बहना शून्य में कुछ खोजती
लौह को मूरत बनाती,खूब मन में सोचती।
गूंथ कर माटी तुम्हीं तो,रूप में नव ढालती
बीज बोती सींचती है, शिशु बना कर पालती।
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