1 पलकों पर लहराते सपने, पांवों को रोके जंजीर
आशा मन की सदा जगाती,कर्मों से लिख लो तकदीर।
2 डाली डाली खिल उठती है,जीवन जब बनता है बाग
चहकें हैं सुख के सब पंछी, फिर गूंजे हैं मीठे राग ।
3 ऐसी चले बयार देश में, चरित्रवान बनें संतान
सारे कष्ट दूर हों सबके,तब होंवे सपने साकार ।
4 एकाकी जीवन है मुश्किल, जी लेते हैं फिर भी लोग
ढलती उम्र ही बनता बोझ, भले लोग देते सहयोग ।
5 जैसी करनी वैसी भरनी,ईश्वर का है यही विधान
जितना देते उतना पाते ,रखना इसका हरदम ध्यान।
6 आते सुख दुख जीवन में, ये तो धूप छाँव सम हो
आते जाते रहते क्रम से, इनको रोक सके न कोय ।
7 सबका भाग्य बनाता कर्म, शुभ कर्मों से मिलता मान
भाग्य भरोसे मत बैठो ,सारा जग है कर्म प्रधान ।
8 भेद भाव से आती दूरी, मन दर्पण को रखना साफ
टूट रही रिश्तों की कड़ियाँ ,सबको मिले नहीं इंसाफ
9 अपनी ढपली आप बजावें,सुनते नहीं किसी की लोग
वक्त पड़े तो साथ न देंवें,सबको लगा लोभ का रोग ।
10 खूब दिखावा करते रहते, भीतर में होता है पोल
खुले पोल तो होय फजीहत,रखो सादगी मीठे बोल ।
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