Saturday, 22 December 2018

छन्द सरसी -क्रमांक 8


1       छोड़ना मत आस का दामन,रुक जाएगी रात
        उम्मीद का सूरज उगे तो, बनती बिगड़ी बात।

2  छम छम करती आँगन में यह, धूप नाचती आय
      पल में नीचे पल में ऊपर,सबके मन को भाय ।

 3    सुनो दिखाना है हम सबको,अब ना मानें हार            संकल्पों के साथ बढ़ें हम,देखे ये संसार ।

4     सम्बंधों को पावन रख ले ,यह है अच्छी बात
          प्रेम भाव का पर्व अनूठा,लाया है सौगात।

5   नया साल आया है देखो,खुशियां लेकर साथ
        सबके सिर पर रहे हमेशा,इष्ट देव का हाथ ।

 
6   किसका यह त्यौहार नपूछो,करना नहीं विचार
    आनंद पर्व यह आया है, खुशी मनाओ यार 🙏🏻

7   वक्त दीजिये रिश्तों को भी,सींचे उनमें प्यार
     बुरे वक्त में साथ रहे बस,अपना ही परिवार ।

8    जाति धर्म से मुक्त रहें हम,सबसे ऊपर देश
     इसकी मिट्टी में हम पलते,सुन्दर है परिवेश ।

9   मन के धागों का यह रिश्ता,हर पल मन हरषाय
      टूटे नहीं प्रीत का बंधन,जीवन भर चल जाय ।
                    
10      नित्य गगन से उगता सूरज,देता खूब प्रकाश
      देखे इनकी कर्म निष्ठता ,नत मस्तक आकाश ।

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