Saturday, 22 December 2018

सरसी छन्द -क्रमांक 9

1      सादर वंदन आप सभी को,भली करे भगवान
        प्रातः वंदन सुधि जनों को,सबका हो कल्यान ।

2     रिद्धि सिद्धि के संग विनायक ,सदा विराजें द्वार
      प्रेम भाव से रहें हमेशा   ,  हो सुखमय परिवार  ।

3  मंगलमय हो जीवन सबका, आपस मे हो प्यार
     करें कामना नए वर्ष में,  सुख मय हो संसार ।

4    जीवन का हर दिन हो जगमग,पूनम सी हर रात
      तारे लाएं रोज शाम को  ,  खुशयों की बारात।

5      खिलें सदा तेरे आँगन में,आशीषों के फूल
  कांटे पथ में कभी न आएं,जीवन हो अनुकूल ।

6  हाथ मिलाना गले लगाना,अगर न मन को भाय
   मंगल तिलक सजा दो माथे,नेह के रंग डुबाय ।

7.  शब्द निवेदन करती हूं,होकर बहुत विनीत
यादों की गलियों में फिरती, खोजूं तुमको मीत ।

8        लगे है मन भावन यह भोर,गूंजे है संगीत
       मन का कोयल कुहक रहा है,आ जाओ मीत ।

9        देख बेटियां छत्तीसगढ़ की ,घूमे देश विदेश
         प्रेम शांति का परचम थामे, आईं हैं परदेश।

10  अपनी मिट्टी अपनी बोली भाषा,पर  हमको       अभिमान
      अपनत्व  प्रेम सद्भाव संग,करती है सम्मान ।

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