Wednesday, 2 January 2019

छन्द- विष्णुपद-,क्रमांक- 6


1  हाथ जोड़ करते हम विनती,मन पावन कर दे
     ज्ञान बुद्धि देना हमको मां ,सोच नई भर दे ।

2   नव्य काल परिवर्तन का है,मिलकर है रहना
     दिन नहीं मजबूर नहीं हम,सही राह चलना।

3      अक्षत पुष्प चढ़ाती हूं मैं,तुम स्वीकार करो
        गीतों से अर्चन मेरा यह,मन आनंद भरो ।

4       शुभ संदेशे देकर देखो, अंतस सुख बढ़ता
       दर्द बाँटलो औरों का तुम,मन प्रसन्न करता ।

5       बीते दिन कहते चुपके से,उड़ते मत रहना
    सावधान करता हूँ तुमको,सोच समझ चलना ।

6       सैनिक हैं  जांबज देश के, घात बहुत सहते
      देश भक्ति प्रण इनका  होता, हम वंदन करते।

7  दुख व्याकुल कर देता सबको,मन अधीर रहता
     जीवन का यह धूप छाँव तो,मन कंचन करता।

8     खुश रहना मेरे बच्चों तुम, करते दुआ यही
      जाते जाते  हमने तुमसे,दिल की बात कही ।

9    कर ले वादा खुद से ही तू,कर अपनी सेवा
         संकल्प करें पूरा फिर तो,खूब मिले मेवा ।

10  ज्ञान सीखना अनुभव पथ से,फिर लेखन करना
        नई सोच से नई डगर की,पुस्तक तुम लिखना।

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