1 भाभी जी केश सँवारे है ,ननदी भी इतराई
देखे जो दर्पण में खुद को,मन-मन में मुस्काई ।
2 सपनों में खोई है सजनी,लगती है शरमाई
प्यारी सी ननदी की शादी,अंसुवन बीच विदाई ।
3 तुमने ही चलना सिखलाया,तुमने मुझे सँवारा
उतर के तेरी गोद से मां, फिरता मारा-मारा ।
4 तेरी उंगली थामी जब-जब,तुमने मुझे बचाया
जब -जब छूटा था हाथ तेरा,कुछ भी समझ न आया।
5 संगी साथी और वक्त ने,ऊंच -नीच समझाया
कहीं सरल कहीं कठिन राहें, बाँह पसारे पाया ।
6 सफर है लंबा रिश्ते खूब,सुख -दुख दोनों पाया
जीवन ने है दिया बहुत कुछ,तेरे बिना न भाया ।
7 राह में कांटे मिले भी तो , हौसला दिखाना है
अश्क पीकर भी हमे तो अब , सदा मुस्कुराना है।
8 रिश्तों में तो प्रेम रहे बस ,हम सब करें कामना
विपदा में भी अडिग सदा हम,मन मे यही भावना।
9 भला काम हमको करना है,तम में दीप जलाना
देश हित की हो सोच हमारी ,सपने यही सजाना ।
10 जीवन जब नीरस सा लगता,मन बोझिल हो जाता
होता रहता परिवर्तन तब,एक नया पन आता ।
11 तन हो दो पर मन विचार में, भेद न कोई रखना
इक माला के मोती जैसे,मिल जुल कर ही रहना।
12 अगर कहीं दिल से ना जुड़ते,अलग अलग हम रहते
तन- मन से जुड़ काम करें तो,बलशाली हम बनते ।
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