-- 2 पद --चार चरणों का यह छन्द है
--- प्रत्येक पद में कुल 30 मात्राएँ होती है
-- 16 और 14 में यति होती है
-- विषम चरण में 16 मात्रा
--- सम चरण में 14 मात्रा
---सम चरण अर्थात ( 2 --4 ) में चरणान्त में दो गुरु
( समान्त में 2- 2
कागज के वह पंख बना कर,सङ्ग डोर के रहती है
मन के भाव हवा के जैसे, बड़े मौज से उड़ती है ।
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