लावणी 1
१.आतंकी को चुन चुन मारो,जन्मभूमि यह प्यारी है
कल तक इसने वार किया है,आज हमारी बारी है।
2 विषधर जैसे है आतंकी,छद्म रूप ये धारी है
जेहादी की कठपुतली बन, करते मारा मारी है ।
3 सीख न पाए भलमनसाहत ,सच्ची बात हमारी है
सबक सिखाना इसे जरूरी,खूब किया गद्दारी है।
4 कहता कुछ है करता कुछ है,कपट करे ये भारी है
इसकी बातों में ना आना, खूब करे मक्कारी है।
5 तुम बहा दो नेह की धारा, रोकना मत भावना को
ये जिंदगी है खूब सूरत, ढूंढ ले सम्भावना को ।
6 प्राण देते वीर सरहद पर , वन्दन उनका करते हैं
परिजन उनके जो बलिदानी, दुःख में डूबे रहते हैं ।
7 यह धरा है पूज्य हमारी, प्राणों से हमको प्यारी
कुर्बान करें सब कुछ इस पर,भूलो मत बात हमारी।
8 वही मिला जीवन में सबको, जैसा कभी कमाया है
अच्छा बुरा सभी है जग में, सब नजरों की माया है ।
9 बढ़ा लिया है कदम अगर तो ,बाधाओं से लड़ना है
देखो मंजिल दूर भले है ,धीरज हमको रखना है ।
10 महके है मेरी फुलवारी,जब तुम आ जाती हो
पंछी सी तुम उड़ती फिरती ,गीत ख़ुशी के गाती हो।
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