Saturday 2 March 2019

लावणी छन्द 1


लावणी 1

१.आतंकी को चुन चुन मारो,जन्मभूमि यह प्यारी है
कल तक इसने वार किया है,आज हमारी बारी है।

2     विषधर जैसे है आतंकी,छद्म रूप ये धारी है
    जेहादी की कठपुतली बन, करते मारा मारी है ।

3    सीख न पाए भलमनसाहत ,सच्ची बात हमारी  है
         सबक सिखाना इसे जरूरी,खूब किया गद्दारी है।
      
4        कहता कुछ है करता कुछ है,कपट करे ये भारी है
              इसकी बातों में ना आना, खूब करे मक्कारी है।

5        तुम बहा दो नेह की धारा, रोकना मत भावना को
          ये जिंदगी है खूब सूरत,    ढूंढ ले सम्भावना  को ।

6         प्राण देते वीर  सरहद पर , वन्दन  उनका करते हैं
           परिजन उनके जो बलिदानी, दुःख में डूबे रहते हैं ।

7        यह धरा है पूज्य हमारी,   प्राणों  से हमको प्यारी   
        कुर्बान करें सब कुछ इस पर,भूलो मत बात हमारी।

8        वही मिला जीवन में सबको, जैसा कभी कमाया है
      अच्छा बुरा  सभी है जग में,    सब नजरों की माया है ।

9    बढ़ा लिया है कदम अगर तो ,बाधाओं से लड़ना है
      देखो मंजिल दूर भले है ,धीरज हमको रखना है ।
  
10           महके है मेरी फुलवारी,जब तुम आ जाती हो
        पंछी सी तुम उड़ती फिरती ,गीत ख़ुशी के गाती हो।

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