1 चिंतन शून्य हुए हैं नेता,धर्म बना इनका पैसा
सत्ता के पीछे पागल सब,लपक रहे चाहे जैसा।
2 जख्मी है दिल भारत माँ का,मरहम नहीं बना पाये
देश घातियों को शह देते,वोट बैंक इनको भाये ।
3 देश भक्ति का मूल न जानें भारत का नाम डुबाएं
निर्लज्जों सी करें सियासत,दुश्मन से हाथ मिलाएं।
4 पहले वार न करते हम तो, बड़े प्यार से समझाते
फिर भी कोई ना समझे तो,उनको मजा चखाते।
5 रत्न कीमती दिया अनेकों,अनगिन कोख में धारी
ममता का सागर लहराऊँ ,या फिर तलवार दुधारी।
6 कभी कामिनी कभी कालिके,पत्नी प्रिया सखी प्यारी
मन को पढ़ना जग को गढ़ना, बहुत बड़ी जिम्मेदारी ।
7 दुश्मन जब कदमों पर आए, दया नीति अपनाते हैं
प्रेम भाव से जो मिलते हैं,उनको गले लगाते है ।
8 बँधी बँटी कितने रिश्तों में ,माँ बेटी बहना प्यारी,
धरती, धरा, भूमि महि हूँ मैं ,जीवन सब पर मैं वारी।
9 नहीं किसी की दुश्मन हूं मैं,नाम मिला मुझको नारी
अगणित रत्न कोख में पाले, एक अकेली ही भारी ।
10 दे कर बड़ी शहादत हमने,ये आजादी पाई है
भूल गए परहित की बातें,करना उसकी भरपाई है।
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