1 हवा सुनाती है सरहद की, तुमसे बात बतानी है
सुनो कहानी ये फौजी की,जिनकी धन्य जवानी है।
2 करूँ बयानी क्या मौसम की ,कहती ये दीवानी है
यही रवानी है जीवन की ,हार न जिसने मानी है।
3 गर्म हवा की लपटें चलती,रोम रोम सुलगाती है
बिल में छिप जाते जो दुश्मन,उनमें ख़ौफ़ जगाती है।
4 हवा चले है बर्फीली जब,बरछी सी चुभ जाती है
ओढ़ रजाई दुश्मन सोता,इनमें हिम्मत लाती है।
5 जब भी घर आते छुट्टी में,परिजन खुशी मनाते हैं
पर्व दिवाली हर दिन होता,जगमग दीप जलाते हैं।
6 बारिश की बूँदें पडती है,दिल में ठंडक लाती है
बिटिया की पायल बजती है,गीत सुरीले गाती है।
7 हवा बहे जब जब वासन्ती,देख प्रिया मुस्काती है
रहे साथ जब तक उनके वह,जीवन को महकाती है।
8 हवा सुहानी है सरहद की, बोले मीठी बानी ये
जीवन तो आनी जानी है, अमर रहें बलिदानी ये।
9 रक्षक देश के सैनिक होते, सीमा पर पहरा देते
सदा वार झेलें सीने पर , दुश्मन से लोहा लेते ।
10 लड़ते हैं तूफानों से भी,सदा दीप से जलते हैं
दूर रहें अपने प्रिय जन से, सदा सजग ये रहते हैं ।
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