Saturday, 13 January 2024

** पंछी पिंजरे का उड चला** (छत्तीसगढ़) क्रमांक 2


Dulari_Ki_waapsi.pdf

*लघु कथा श्रृंखला क्रमांक - 36 * जाग मालती जाग*

L

* * पंछी पिंजरे का उड़ चला * *

  दिनाँक 
15. 01.2024    
   
  " भारत के  शीर्षस्थ  ट्रांसजेंडर "
 
1-  लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (मुंबई )--- मोटिवेशनल स्पीकर, सोशल एक्टिविस्ट,  उच्च  शिक्षिता,           अंतर्राष्ट्रीय किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, 
 एशिया पेसिफिक 2008 में भारत से पहली ट्रांसजेंडर प्रतिनिधि "अस्तित्व ट्रस्ट की संस्थापक"
  ट्रांसजेंडर समुदाय की प्रमुख प्रवक्ता.
2-  ऐश्वर्या प्रधान I.A.S  अधिकारी(उड़ीसा ) (वाणिज्य कर अधिकारी )  
3-  देश की पहली प्राचार्य Dr.मानवी वंद्योपाध्याय  पहली Ph.D ट्रांसवुमन,  एसोसिएट प्रोफेसर.
( पश्चिम बंगाल)
4- गौरी  सावंत (पुणे ) ट्रांसजेंडर के अधिकारों के लिए सुप्रीमकोर्ट तक लंबी लड़ाई लड़ी, एक अनाथ बच्ची की मां जिसे 3 साल की  उम्र में कानूनी रूप से गोद लेकर डॉक्टरी तक  की पढ़ाई अमेरिका से करवाई   और अब उसकी शादी भी कर दी. इसके अलावा अब  "आजी का घर " नामक संस्था खोलकर 89 अनाथ बच्चों का पालन पोषण और शिक्षा की जिम्मेदारी उठा रही है.
5 - देश की पहली डॉक्टर प्रिया जीनू (चेन्नई) B.A.M.S किडनी रोग विशेषज्ञ.
6- डॉ.रूथ जॉन पाल (तेलंगाना ) M.B.B.S. M D) सरकारी हॉस्पिटल में C.M.O
7- डॉ .प्राची राठौड़ M.B.B.S MD ( तेलंगाना) 
8- त्रिनेत्रा हालदार गुम्मा राजू (कर्नाटक) M.B.B.S, डॉक्टर, एक्टर, मॉडल 
9- देश की पहली न्यायधीश जोईता मंडल (पश्चिम बंगाल ) 
10- केरल के ट्रांसजेंडर दंपति जिन्होंने शिशु को गर्भधारण कर जन्म दिया
11- सोनम चिश्ती राज्य मंत्री (उत्तरप्रदेश) 
12- सबनम मौसी (म. प्र) 
13- देश की पहली पायलेट ट्रांस वूमेन नैना मेनन
14- देश की पहली पुलिस सब इंस्पेक्टर प्रिथिका याशीनी
15- देश की पहली सैनिक शबी नेवल कमांड की मरीन इंजिनियर
16- देश की पहली वकील सत्य श्री शर्मीला (तमिलनाडु)
17- देश की पहली K.I.T इंजीनियर ग्रेस बानो
18- ट्रांस क्वीन एला देव वर्मा
19- खुशी शेख इंडिया की टॉप मॉडल 
20- अंतरराष्ट्रीय ट्रांस ब्यूटी क्वीन नाज जोशी 
21- बिहार की ट्रांस  क्वीन माही 
22- I.P.S बनने की राह पर सेंडी वाल्मिकी 
23-इंटरनेशनल ट्रांस क्वीन वीणा सेंद्रे (छत्तीसगढ़)
24- ब्यूटी कॉन्टेस्ट में फर्स्ट रनर अप शाइनी शैली  राय (छत्तीसगढ़)
25.  डॉक्टर भैरवी अमरानी (छत्तीसगढ़ रायपुर )
 उड़ीसा  से  3 नवंबर  2003 को  डॉ रवि अमरानी भैरवी को   "स्पेशल स्टडी इन  होरोस्कोप ऑफ़ 
 ट्रांसजेंडर  परसंस "इसके साथ ही  रजिस्टर्ड इंटरनेशनल एस्ट्रोलॉजी प्रैक्टिशनर होने का प्रमाण पत्र भी दिया गया.
26.  लिविंग स्माइल विद्या प्रथम ट्रांसजेंडर की आत्मकथा
27.   नर्तकी नटराजन प्रथम ट्रांसजेंडर जिन्हें संगीत नाटक अकादमी अवार्ड मिला
28.  ए रेवथी  प्रथम एशिया की प्रथम ट्रांसजेंडर जिसने  ट्रांसजेंडर के जीवन पर पहली किताब लिखी. 
29 करपागा  पहली ट्रांसजेंडर महिला एक्ट्रेस.
30.  पद्मिनी प्रकाश प्रथम ट्रांसजेंडर न्यूज़ एंकर कोयंबटूर के टीवी चैनल से 2014.
31.  रोजी वेंकटेशन प्रथम ट्रांसजेंडर महिला टीवी         होस्ट.
32. प्रथम ट्रांसजेंडर उद्यमी चौधरी फाउंडेशन की संस्थापक 'कलकी सुब्रमण्यम'
33.की प्रथम रजिस्टर्ड अंतर्राष्ट्रीय प्रैक्टिशनर होने का गौरव प्राप्त किया.
34. लक्की  प्रथम v6 टीवी न्यूज़ एंकर 
35.  निष्ठा विश्वास ब्यूटी क्वीन 2017 में पहली ट्रांसजेंडर महिला
36. लोटस टीवी में कार्यरत प्रथम टीवी एंकर        लक्ष्मी
37. श्रीदेवी प्रथम ट्रांसजेंडर महिला तमिलनाडु में जयललिता के विरुद्ध चुनाव लड़ी
38. गंगा कुमारी राजस्थान में पहली महिला पुलिस कांस्टेबल बनी
39.  ईसथर  भारती प्रथम तमिल क्रिश्चियन ट्रांसजेंडर महिला जो केरल के चर्च में पास्टर बनी और कई लोगों की शादियां भी कार्रवाई.
40. जिया दास जिया दास प्रथम ट्रांसजेंडर टेक्नीशियन ( ऑपरेशन थिएटर)

----=-==--------=-------=--------=-------=-----=-
क्रमांक  2..[14/01, 9:38 am] Chandrawati Nageshwar: छत्तीसगढ़ के चमकते सितारे---*****

1.  कोरबा में जन्मी मिस ट्रांस क्वीन इंटरनेशनल की  रनर अप शैली राय,  ब्यूटीशियन.

: 2.  छत्तीसगढ़ की प्रथम किन्नर महापौर 
मधु बाई किन्नर(रायगढ़).
3.  डॉ " भैरवी "अमरानी -: ज्योतिष में छत्तीसगढ़ राज्य और भारत के  प्रथम ph. D. प्राप्त करने वाले ट्रांसजेंडर विश्व के प्रथम रजिस्टर्ड एस्ट्रोलॉजी प्रैक्टिशनर,वास्तु विद सलाहकार
 अंग्रेजी साहित्य में एम. ए.,  चित्रकार में डिप्लोमा,  हिप्नोसिस में डिग्री,  प्राणिक  हीलिंग में डिप्लोमा,  होटल मैनेजमेंट का कोर्स,  तंत्र मंत्र  साधक. 
4. विद्या राजपूत छत्तीसगढ़  ट्रांसजेंडर समूह की  उन्नायक  जिनके जुझारू व्यक्तित्व और सेवा कार्यों  की चर्चा अमेरिका तक गूंजती है.
5. रवीना बरिहा  हरिभूमि की पूर्व सह  संपादिका, छत्तीसगढ़ में ट्रांसजेंडर समूह के  उन्नयन कार्यों  के लिये दिन रात एक करने वाली  आधार स्तंभ.
6.वीणा सेन्द्रे  इंटरनेशनल ब्यूटी क्वीन, छालीवुड की एक्ट्रेस.
7. मीरा सखी ओडीसी (अंबिकापुर) छत्तीसगढ़ राज्य की पहली ओडिसी नृत्यांगना.
8. निक्की बजाज पर्वतारोही दल में शामिल होकर  गिनीज बुक और लिम्का बुक अपना नाम दर्ज करने वाली ब्यूटीशियन एवं हेयर स्टाइल स्पेशलिस्ट.
8. संजना  ध्रुव समाज कल्याण विभाग में कार्यरत
9 श्रेया श्रीवास बिलासपुर गायिका एवं समाज सेविका 
10. पॉपी  देवनाथ  सोशल एक्टिविस्ट
11. शिवन्या  पुलिस  सेवा में 
12.सिद्धांत  फैशन डिजाइनर
13 दूजन बाई दिनेश -पंडवानी गायिका,



     

Monday, 18 September 2023

कुछ गीतों के बिखरे मोती ---= छोटे-छोटे गम है,

छोटे छोटे गम है, छोटी-छोटी खुशियां
 छोटे-छोटे मुख की,  बड़ी-बड़ी बतियां

छोटे-छोटे पांव हैं , लंबा ये  सफर है
 छोटे-छोटे कदमों से, मिटती हैं दूरियां.

 छोटी-छोटी उलझनें , छोटी-छोटी रंजिशें 
 भूल इन्हें आगे बढ़ें, स्वर्ग सी है दुनियां. 

 छोटी-छोटी भूल से, बढ़ती दरारें  हैं
 छोटी-छोटी कोशिशें से, दूर नहीं खुशियां.

 छोटी-छोटी चाहतें , छोटी छोटी राहतें
 पल ना गँवाना यूं ही, बीत जाए सदियां. 

 छोटी छोटी अंखियों के, बड़े-बड़े सपने
 छोटी-छोटी कश्तियां, हारी  बड़ी नदियां.

 तन तपन मिटाती है, प्यास बुझाती हैं 
  अंबर से बरसें  जो, छोटी-छोटी बूंदियां. 

 डॉ चंद्रावती नागेश्वर 
रायपुर छत्तीसगढ़





Friday, 15 September 2023

हिंदी दिवस

मुक्तक लोक 484
स्वाभिमान है हिन्दी, हिन्दी काव्य सलिला 15-9-23

सहज सरल है भाषा हिंदी ,  याद रखो
देश वासियों.
यही विरासत है पीढ़ी की, याद रखो देश प्रेमियों.

      भारत के जन मन की बोली 
       सुन ले जो उसकी ये होली.
       दिल से दिल की बात कहे
       बंद कपाट हृदय के खोली.   

इसे  संवारो  सब मिलकर के ,बंधु सखा बहन  भाइयों .
सहज सरल है भाषा हिंदी , याद रखो देश वासियों.

     विज्ञान के मानक पर खरी
    शब्द अर्थ से  है  हरी भरी .
      बाहों में समेटे व्याकरण
    रस अलंकार की लगे झरी.

मन भूमि संस्कारित करती, ना भूलो सुत प्रवासियों.
सहज सरल है भाषा हिंदी, याद रखो
देश वासियों.

 अपनी बोली अपनी भाषा 
 हो उन्नत सबकी अभिलाषा.
 मान देश  का  हमें बढ़ाना
 हो  विकास सबकी  है आशा,
  मानवता ही धर्म हमारा , बढ़े चलो कर्म  योगियों
सहज सरल है भाषा हिंदी ,याद रखो
देश वासियों.
       
डॉ चंद्रावती नागेश्वर 
रायपुर छत्तीसगढ़
14. 9. 2023

Friday, 10 March 2023

दोहालय में प्रेषित दोहे....

दिन बुधवार---स्वतन्त्र दोहे

हाथों में भूगोल है,नजरों में आकाश
अहंकार के फेर में,होता महा विनाश ।
 
जब जब शिवता मौन थी,पुरुष काम का दास
रीति नीति बिन लोग सब ,छल बल आये रास

 सबके हित की सोच कर,करें विघ्न का नाश
सबका मिले सुकर्म तो , बिखरे कर्म प्रकाश

सब मिल कर के ठान लें, हो पुरजोर प्रयास
सब का हो सहयोग तो,बने नया इतिहास ।

 डॉ चन्द्रावती नागेश्वर
कोरबा ,छ ग
 15 , 10 2022
***** ------*****---******--------*****------
नमन दोहालय
शीर्षक - नित्य, नित सदा,,,,,

 जनम जनम से दूर हैं ,रही न उसकी याद
मन के भीतर बैठ कर ,नित करता सम्वाद ।

नित नित आगे बढ़ रहे,सारे जग के लोग
फिर हम पीछे क्यों हुये, लगा नकल का रोग ।

गहरी सांसे तो सदा ,   अन्तस का वरदान
तन मन को ताजा करें,लगता प्रभु में ध्यान ।

डॉ चन्द्रावती नागेश्वर
कोरबा ,छ ग
--------------*-----*---*----*-*----***--*---
स्वतन्त्र दोहे
खुशबू अपने देश की,होली का त्यौहार
रंग लिये खुशियां खड़ी,बांटे सबको प्यार ।l
 
रंग बिरंगे लोग हैं,उड़ता रंग गुलाल
हवा बावरी हो गई,चूमे सबके गाल. 

धूम मची है रंग की,बजते ढोल मृदंग
गली गली में उड़ रहे, बड़े  अनूठे रंग ।

दिवस फूल से खिल गये, चढ़ा बसन्ती रंग
हवा नशीली हो गई,मचा रही हुड़दंग 

लाल हरे पीले सभी, मिल जाएँ जब संग
 इस होली में देखना, खूब जमेगा रंग. 

डॉ चन्द्रावती नागेश्वर
कोरबा ,छ ग
.----------*------*----------*---------*-----
साप्ताहिक आयोजन 2020 (रवि वार) 
कलम चढा लें सान पर,तीखी कर लें धार
जन जागृति का लक्ष्य ले,आओ करें विचार

बुझती चिंतन आग है, जला सकें इक बार
लेखन कर्म सफल बनें ,इस पर करें विचार 

डॉ चन्द्रावती नागेश्वर
बोस्टन


साप्ताहिक आयोजन -क्रमांक 201--स्वतन्त्र दोहे----
बुध से शुक्र-------
फूल सी नाजुक बिटिया, हमको इस पर नाज
इसकी क्षमता देख कर ,अचरज होता आज
   

समय चक्र रुकता नहीं, करलो कोटि उपाय
नब्ज समय की पकड़ लें ,इक पल व्यर्थ न जाय

नदिया के दो कूल हैं,बहे बीच में धार
जीवन तो इक नाव है,सुख दुख दो पतवार

डॉ चन्द्रावती नागेश्वर
बोस्टन,U S A


स्वतन्त्र दोहे -दिन शुक्र वार का शुक्रिया
सभी को प्रातः नमन

क्षितिज बिखेरे लालिमा, बांधे बन्दनवार
सूरज का शुभ आगमन,करना है सत्कार

पंख पसारे उड़ चला,मेघों के उस पार
सूरज छूना चाहता, कोशिश है बेकार

डॉ चन्द्रावती नागेश्वर
बोस्टन, नार्थ स्टेशन
19  ,1  ,2018

शीत लहर से कांपती,खूब जड़ाती रात
धुंध कोहरा सब चले, हिम की चली बरात. 

  साप्ताहिक आयोजन  गुरु  , शुक्र
स्वतन्त्र दोहे ----
फूल शूल दोनों रहें, इक दूजे के संग
अलग अलग हैं रूप गुण, करते कभी न जंग
डॉ चन्द्रावती नागेश्वर
बोस्टन

 साथ में देवे तकदीर हमारी
 कभी धनी अब भिखारी

 ताल पोखरे सूख रहे सब 
अब आई कूपों की बारी

 एक अकेली नारी हूं मैं 
घात  में बैठे सभी शिकारी 

जब से तुम परदेश गए हो 
सूद खोर हड़पे  खेती बारी

 कोर्ट कचहरी के चक्कर में 
बिक गए घर के लोटा थारी

डॉ  चंद्रावती नागेश्वर


Tuesday, 24 May 2022

भोर का वंदन ---

सुभोर ~
👏
प्रातः का वन्दन है,
स्वर्णिम अभिनन्दन है,
धरती के माथे पर 
सूरज का चंदन है !
         ~ वि. शुक्ल
   सिर  पर  आंचल की छाँव  रहे 
   कदमों में सुख का गांव रहे. 
       हर तीरथ  तेरे  पांव तले
       मां स्वर्ग सदा इस स्थान रहे.


👏
P
👏
मन सिहरा,ठहरा तनिक,देखा अप्रतिम रूप।
भोर सुहानी सहचरी , पसर गई लो ,धूप ।।
                ~ विश्वम्भर शुक्ल

ये जो है जिन्दगी ~
👌
बादलों सी मचलती रही जिन्दगी,
        चार दिन खूब छलती रही जिन्दगी,
हमने चाहा बहुत, साथ हम भी चलें,
        हमसे आगे निकलती रही जिन्दगी!
                     --- विश्वम्भर शुक्ल
ये जो है जिन्दगी ~
👌

Tuesday, 10 May 2022

मनपसंद प्रेरक़ रचनायें .....

गीतिका ~
👌
गौर से सुन अब हमें भी सर उठाना आ गया 
--------------------------------
आग पर हैं पाँव ,होंठों पर तराना आ गया,
आदमी को आदमी पर मुस्कराना आ गया।
-
तोड़ लेना डाल से मत पुष्प कलिका ने कहा,
गौर से सुन अब हमें भी सर उठाना आ गया।
-
पादुका पग की नहीं अभिमान है वह शीश की,
आँसुओं की नदी को अब खिल-खिलाना आ गया।
-
अब न रोके से रुकेगी वाग्धारा वेग की ,
सँग शिलाओं,पत्थरों के, जल बहाना आ गया।
-
मुट्ठियों में कैद हैं अब मौसमी सब आँधियाँ,
लोरियाँ अब चैन की जब से सुनाना आ गया।
 --- प्रो.विश्वम्भर शुक्ल
लखनऊ
👌
मैं  तुम्हारे प्रश्न का उत्तर नहीं हूँ,
अब किसी आघात को तत्पर नहीं हूँ।

देवता की तरह जो पूजा गया हो ,
माफ करना मित्र, वह पत्थर नही हूँ !

पुष्प जैसा निखरकर बिखरा बहुत मैं,
पर किसी की राह का कंकर नहीं हूँ।

सुधा पीने के मिले अवसर कभी जब,
पिया विष ही किन्तु मै शंकर नहीं हूँ ।

फिर नया अनुबंध लिखकर क्या करोगे,
अमिट स्याही से लिखा अक्षर नहीं हूँ !

स्वत: जन्मी वेदना का स्वयं साक्षी ,
निरर्थक संभावना का स्वर नहीं हूँ।
______ प्रो. विश्वम्भर शुक्ल
लखनऊ
जीवनामृत~
जिनसे जीवन मिला उन्हें हम वंदन कर लें,
श्रद्धा,नमन, आस्था से अभिनन्दन कर लें,
भक्ति-भाव, अनुरक्ति पूज्य हैं सदा हमारे
पुण्य-पुष्प अर्पित कर मन को चन्दन कर लें !
_______  विश्वम्भर शुक्ल
जीवनामृत~J---=---------=------=---==------
💝
खुश्बू बिखेरे पुष्प सी ,रस-धार दीजिए ,
      रचना की हो पहचान वो रफ़्तार दीजिए,
संकल्प श्रेष्ठ राष्ट्र का,हो सार्थक सृजन ,
      अपनी कलम के हाथ मे तलवार दीजिए !
                     ---   प्रो.विश्वम्भर शुक्ल 
सुभोर ~
💝
जिन्दगी निर्मल हँसी है जो तुम्हारी है,
       चमक जाती है इक बिजली की तरह,
बाँटती फिरती है रंगों की दुआएँ देखो
       फूल पर उड़ती हुई तितली की तरह !
                              ~ विश्वम्भर शुक्ल
सुभोर ~
💝
मृदुल , कोमल  छुअन की अभिव्यंजना अच्छी लगी,
शुभ्र निश्छल प्रेम की परिकल्पना अच्छी लगी ,
छुपी वाणी में मधुर संदेश की जो शब्दिका है ,
सार्थक दिन कर गई , शुभकामना अच्छी लगी ।
          ----- प्रो.विश्वम्भर शुक्ल
सुभोर~
💝
प्यार देकर इन्हें पाले रखना,
        रिश्ते नाजुक हैं सम्हाले रखना,
जिन्दगी नाम तंग गलियों का 
          उम्र भर इनमें उजाले रखना !
                         ~ विश्वम्भर शुक्ल
सुभोर~
💝
प्यार देकर इन्हें पाले रखना,
        रिश्ते नाजुक हैं सम्हाले रखना,
जिन्दगी नाम तंग गलियों का 
          उम्र भर इनमें उजाले रखना !
                         ~ विश्वम्भर शुक्ल
 वीथिका से एक चित्र ~
👏💝👏
सूख गई थी सोई बगिया आज गई फिर भीज,
लो फिर हरी भरी हो बैठी गजब ज़िंदगी चीज ,
हवा बही ,बादल घिर आये,बदल गया मौसम 
फिर से स्वागत को आतुर है यादों की दहलीज !
                       ___ प्रो.विश्वम्भर शुक्
 . 
वसंत वर्णन  :---
डाली डाली झूमती, देख बसंत बहार. 
फागुन की पदचाप सुन, झूम उठा संसार.
: फागुन आया देख के, वन उपवन गुलजार
 है पूनम की रात में, होली का त्यौहार. 
 महुआ डोरे डालता,   टेसू मन मुस्काय 
 हाला पीये  प्रीत का , तितली भ्रमर बयार. 
 मन बैरागी डोलता, फागुन  ही बहकाय  
  फागुन कहे पुकार के, खुशियों   के दिन चार.
 नव पल्लव से हैं सजे, वृक्ष लता के देह 
 खिलती कलियां दे रही, फूलों  का उपहार.
 पीली चुनरी पहन चली, धरती मन हरषाय 
 रूप रंग कुछ दिन रहे, आओ कर लें  प्यार.
----------------===--------------===----------
भावों पर सीवन लगा 
देखा चारों ओर,
स्वारथ में डूबी मिली 
संबंधों की डोर।

पीड़ा उर में बाँधकर
अधर मढ़ी मुस्कान,
पथ पर अपने बढ़ चली
जीने की ज़िद ठान।
अभी जूझना है मुझे,
बंधन का ये ठोर।

हिय कलसी अमृत भरा 
रे मन ले संज्ञान,
अंतस डुबकी ले ज़रा
ये ही पावन  स्नान।
नवजीवन के साथ है,
अनुबंधों की भोर।

कर्मभोग ये योग तक
अपना ही ये लेख,
व्यूह रचित ये स्वयं का
अंतर्मन से देख।
मुमुक्ष-मन की चाहना,
प्रबंध बड़े कठोर।
कोकिला अग्रवाल 
--------------*---------==*----------*------=--
शब्द मंथन!! 

----------------------------------------------
प्रभात बेला
=======
भोर भयी चिड़िया चहकी महकी बगिया कलियां मुस्काती।
सूरज की किरणें धरती पर जीवन ज्योति सदा बिखराती।
वायु सुगंधित डोल रही सबके मन को कितना हरषाती।
शंख बजे घड़ियाल बजे करते सब सुंदर गीत प्रभाती।

जितेन्द्र मिश्र 'भास्वर

बैठ रश्मियों के स्यंदन पर "भोर"   सुहानी  आई।
ऊर्जा  का संचार  किया है नव  चेतना   जगाई।

सरसिज  खिले  सरोवर 
भँवरे गुन-गुन गुन-गुन गाये।
शीतल मदिर पवन तन-मन 
को स्पंदित कर जाये।
स्वर्णिम आभा बैठ क्षितिज में मन्द-मन्द मुस्काई।
ऊर्जा------------------------

सुंदर सुखद "विहान" प्रकृति की
सुषुमा हृदय लुभाती।
गूँज रहा है मधुर-मधुर स्वर
खगकुल करें प्रभाती।
खोल यामिनी का अवगुंठन वसुधा ली अँगड़ाई।
ऊर्जा------------------------------

रहो सतत गतिमान कर्म के 
पथ पर बढ़ते रहना।
एक लक्ष्य ले बढ़ो प्रगति की 
सीढ़ी चढ़ते रहना।
चीर निशा का तिमिर सुबह  किरणों ने राह दिखाई।
ऊर्जा-------------------------------

स्वेद बूँद से सींच धरा को 
कर देता है नन्दन।
कर्मशील मानव का दुनिया 
करती है अभिनन्दन।
मन में यदि विश्वास जिंदगी लगती है सुखदाई।
ऊर्जा का संचार हुआ है नव चेतना जगाई।

^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
                   -----सुधा मिश्रा

Friday, 1 April 2022

नव सम्वत का स्वागत , अभिनंदन, शुभकामना

,   01, 04, 2022 तीथि , चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 


आओ सभी ध्वज अपना लहरायें 
 नव फूलों से घरआँगन महकायें.
नव वर्ष हमारा उमंग भर लाया 
कोंपल मुस्कायें  मौसम हर्षायें  . 

        हिन्दू नववर्ष की आप सभी को बहुत बहुत बधाई  एवम  शुभकामनायें             
      
        डॉ चंद्रावती नागेश्वर


 सुमन सुगंधित  नित खिलें,मिले सदा ही प्यार 
 भरा रहे दामन सदा, खुशियां  नाचे द्वार.
 नया वर्ष भरता  रहे, नव उमंग का संग 
 सुख समृद्धि का वास हो, दुआ यही शत बार.

 डॉ चंद्रावती नागेश्वर

        हिन्दू नववर्ष की आप सभी को बहुत बहुत बधाई.
जन्म दिन की हार्दिक बधाई 
अशेष मंगल शुभकामनाएँ __

        *******

आज की सुबह जब आई है, 
ख़ुशियों की सौगात ले आई है |
कदम चूमे हरदम ख़ुशियाँ तो, 
जन्म दिन की अशेष बधाई है ||

***

हरदम  संग  बहारें  हों ,
और ख़ुशहाल नज़ारे हों |
वीरानी का कोई काम नहीं, 
सलमा चाँद सितारे हों ||

******

बहुत मुबारक जन्म दिन हो, दिल से दिल की सौगातें, 
मंगल कामना है अशेष, समझो दिल से दिल की बातें ||
दिन - रात तुम्हारे अधरों पर, यूँ सजी रहे मुस्कान सदा, 
हों  चाँदी  जैसे  दिन सभी  और  रहें  सुनहरी सब रातें ||

*****

कर्ण प्रिय कुछ बातें हों और अच्छी मुलाकातें हों ,
जन्म दिन हर दिन आए, बस प्रेम रस सौगातें हों |
आओ प्रिये सँवारे मिलकर, जीवन की बगिया हम, 
ख़ुशनुमा हो हर पल यों ही, ख़ुशियों की बरसातें हों ||

                        ✍ <>©<> श्यामल सिन्हा !👮!
03--मई --2022
*ए “सुबह ” तुम जब भी  
                    आना,*
     *सब के लिए बस "खुशियाँ"
                    लाना*
          *हर चेहरे पर “हंसी ”
                   सजाना*
         *हर आँगन मैं “फूल ”
                  खिलाना
    * जो “रोये ” हैं  इन्हें हँसाना *
         *जो “रूठे ” हैं  इन्हें 
                   मनाना,*
       *जो “बिछड़े” हैं तुम इन्हे
                  मिलाना*
      *प्यारी “सुबह ”तुम जब भी
                    आना*
      *सब के लिए बस “खुशियां”
                  ही लाना

*******     ******-*----***-***** - *******